दमोह

भव्य शोभायात्रा उपरांत ध्वजारोहण से पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ

भव्य शोभायात्रा उपरांत ध्वजारोहण से पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ
दमोह।  
दमोह के शिवनगर में निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी महाराज के ससंघ मंगल सानिध्य में होने जा रहे पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव की शुभारंभ बेला में नन्हे मंदिर से कलश शोभायात्रा निकाली गई। जिसके शिवनगर स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद ध्वजारोहण तथा मंडप शुद्धि से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। बुधवार को गर्व कल्याणक पूर्व की क्रियोओ से पाषाण में प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव शुरू होगा। शिवनगर पंचकल्याणक महोत्सव की पावन अवसर पर मंगलवार दोपहर विशाल कलश शोभायात्रा निकाली  गई। जिसमें आकर्षक सुंदर रथ में विराजमान श्रीजी के आगे आगे मुनि संघ अगवानी करते हुए जुलूस में शोभयमान हो रहे थे। शोभायात्रा का नेतृत्व गजराज पर बैठे महोत्सव के सौधर्मेंद्र सुनील डुबुलिया एवं कुबेरइंद्र रिंकू खजरी हाथों में धर्म ध्वज लेकर कर रहे थे। महोत्सव के सभी महा पात्राओं को बगी में बैठाया गया था जिसमें सोधर्मइंद्राणी एवं कुबेर इंद्राणी भी विराजमान थी सबसे आगे अष्टप्रतिहरों को दर्शाया गया था जिनके पीछे बड़ी संख्या में  इंद्राणी अपने सिर पर मंगल कलश लेकर पीत वस्त्र में चल रही थी जुलूस के सबसे पीछे श्री जी के रथ के सामने मुनि संघ के आगे ललितपुर के अखाड़ा के बालकगण अपने कौशल और करतब को दिखा रहे थे जिनके पीछे बड़ी संख्या में समाज के प्रतिष्ठितजन जयकारों के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। जुलूस नन्हे मंदिर जैन धर्मशाला से प्रारंभ होकर घंटाघर कीर्ति स्तंभ होता हुआ कलेक्ट चौराहा पहुंचा जहां से शिवनगर के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गन पहुंचे मुनि संघ को मुख्य पंडाल के सामने मंच पर विराजमान किया गया। जहां पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। ध्वजारोहण करने का सौभाग्य राकेश नायक गौरव नायक परिवार को प्राप्त हुआ। ध्वजारोहण मंत्र उच्चारण के साथ प्रतिष्ठाचार्य के द्वारा संपन्न कराया गया। घट यात्रा के द्वारा शुद्ध जल से पूरे पंडाल की शुद्धि की गई। अब प्रातः काल से पंच कल्याणक की पूजन आदि  प्रतिष्ठाचार्य के द्वारा संपन्न कराए जाएंगे। प्रातः 9ः00 बजे मुनिश्री के मंगल प्रवचन होंगे। दोपहर में अनेक कार्यक्रम रखे गए हैं रात्रि में महा आरती होगी एवं विद्वानों के प्रवचन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न होंगे महोत्सव 9 दिसंबर तक चलेगा। बाहर से पधारे अतिथियों के लिए आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था समिति के द्वारा की गई है आयोजन समिति की विभिन्न कार्यकर्ता सक्रियता से महोत्सव को सफल बनाने के लिए परिश्रम कर रहे हैं महोत्सव समिति के संयोजक महेश दिगंबर एवं सहसंयोजक रिशु सिंघई अपनी आयोजन समिति को महोत्सव को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।


धार्मिकता काम हो रही है दिखावा बढ़ रहा है- मुनि श्री- आज के समय में धार्मिकता के संस्कार कमजोर पड़ रहे हैं धार्मिकता कम हो रही है दिखावा बढ़ रहा है साधु सदैव शास्त्रों का सहारा लेकर ही शिक्षा देते हैं पंचकल्याणक में पाषाण से परमात्मा बनने की प्रिक्रिया दर्शीई जाती है पंचकल्याणक हमें परायापन समाप्त कर अपनापन समाज में जागृत करता है पंचकल्याणक संसार से मुक्ति का मार्ग बता कर मोक्ष का मार्ग प्रशत करता है। उपरोक्त विचार मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज ने सिंघई धर्मशाला में आयोजित मंगल प्रवचनों में अभिव्यक्त किया इसके पूर्व मंगलाचरण उपरांत बड़े बाबा एवं छोटे बाबा के चित्रों के समक्ष कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के पूर्व अध्यक्ष संतोष सिंघई एवं दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष सुधीर सिंघई ने ज्ञान ज्योति का प्रज्वलन किया मुनि संघ को शास्त्र भेंट किए गए इस मौके पर पंडित अखिलेश जैन सुनील वेजीटेरियन शैलेंद्र मयूर सवन सिल्वर दिनेश चौधरी आदि की उपस्थिति रही मुनि श्री ने अपने मंगल प्रवचनों में आगे कहा कि हमें ऐसी भावना भानी चाहिए कि आगे चलकर हमारे  भी पंचकल्याणक हो सके श्रद्धा की दुकान में यदि भक्ति का व्यापार करें तो हम अपने पंचकल्याणक का इंतजार कर सकते हैं जिनेंद्र भगवान की शोभायात्रा में सम्मिलित होने से हमारी शोभा अपने आप बन जाती है जिन धर्म की प्रभावना के लिए और समाज की प्रतिष्ठा के लिए हमें शोभायात्रा में हर कीमत पर सम्मिलित होना चाहिए हमें आचार्य श्री के अंतिम और नवाचार समय सागर जी महाराज के प्रथम आशीर्वाद को सफलीभूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए हमें अपने गुरुदेव का आशीर्वाद सार्थक करना है। इसके पश्चात छुलक श्री उधम सागर जी महाराज ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि आचार्य महाराज का आशीर्वाद सदैव फलदाई होता है उन्होंने एक दृष्टांत सुनाते हुए बताया कि जब एक बार एक व्यक्ति आचार्य श्री से एक अजीब आशीर्वाद लेने आया वह स्वयं की सुसाइड करने के पहले आचार्य श्री से आशीर्वाद चाहता था गुरुदेव बहुत ही असमंजस में पड़ गए और उन्होंने सोचा कि इसे कैसे बचाया जाए तब उन्होंने उसे नमोस्तु करने को कहा और गुरुदेव ने आशीर्वाद दे दिया उसे गुरुदेव ने दान करने के लिए कहा और उस व्यक्ति ने 500 जबलपुर के आदिनाथ भगवान को समर्पित कर दिए आशीर्वाद पाकर वह खुश हो गया और जब वह एक कपड़ा व्यापारी के साथ वापस जबलपुर जा रहा था तो उस सज्जन व्यक्ति ने उसे अपनी दुकान पर पार्टनरशिप में रख लिया 20 परसेंट मुनाफा देने की हिसाब से उसको काफी लाभ हुआ अपनी तीन बेटियों की शादी करने के उपरांत एक बार पुनः वह आचार्य श्री के पास गया और उसने ढाई लाख की बोली गुरुदेव के पद प्रक्षालन की ले ली गुरुदेव से उसने कहा की गुरु जी आपने ही मुझे दान करने के लिए प्रेरित किया था आज मेरी यह स्थिति आपके ही आशीर्वाद से है 500 दान करने से न सिर्फ उसकी जान बची बल्कि वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गया गुरुदेव के आशीर्वाद में ऐसी ताकत थी दान देने से खराब दिन समाप्त होते हैं।

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