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श्री आशाराम आश्रम में फूलों के रंग से मनाई गई रंगपंचमी

दमोह: संत श्री आशाराम आश्रम में पलाश (टेसू) के फूलों के रंग से रंगपंचमी वैदिक होली महोत्सव मनाया गया जिसमें जिले के बड़ी मात्रा में श्रद्धालुओं ने पलाश के फूलों से होली खेली प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी हटा रोड़ स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम में पहले सभी ने सत्संग श्रवण एवं भजन, कीर्तन किया उसके बाद पलाश के फूलों से बने रंग से होली खेल कर अंत में विशाल भंडारे का आयोजन किया l कार्यक्रम का आयोजन श्री योग वेदांत सेवा समिति, महिला उत्थान मंडल एवं युवा सेवा संघ के माध्यम से हुआ

होली का त्यौहार हास्य-विनोद करके छुपे हुए आनंद-स्वभाव को जगाने के लिए है लेकिन आजकल जो प्रचलन चल रहा है कि केमिकल रंगों से होली खेलना वो बहुत नुकसानदायक है । अगर पलाश के रंगों से होली खेलेंगे तो अनेको रोगों से मुक्ति मिलती है
पलाश को हिंदी में ढ़ाक, टेसू, बंगाली में पलाश, मराठी में पळस, गुजराती में केसूडा कहते है।
पलाश के फूलों से होली खेलने की परम्परा का फायदा बताते हुए हिन्दू संत आसाराम बापू कहते हैं कि ‘‘पलाश कफ, पित्त, कुष्ठ, दाह, वायु तथा रक्तदोष का नाश करता है। साथ ही रक्तसंचार में वृद्धि करता है एवं मांसपेशियों का स्वास्थ्य, मानसिक शक्ति व संकल्पशक्ति को बढ़ाता है।

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