हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई दमोह कविगोष्ठी सम्पन्न
दमोह। हिंदी पखवाड़ा अंतर्गत मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई दमोह के तत्वाधान में, रामकुमार विधायल दमोह के सभागार में कविगोष्ठी सम्पन्न हुई। कार्यक्रम अध्यक्ष पं.रामकुमार तिवारी, मुख्य अतिथि मनोराम रतले रही। सरस्वती पूजन-वंदन उपरान्त प्रथम सत्र सम्बोधन में मनोरमा रतले ने कहा कि हम हिंदी भाषी है और हमारी भाषा हिंदी है इससे हम अपने को गौरवान्वित अनुभव करते है। अध्यक्ष पंत्र रामकुमार तिवारी ने कहा कि हम सभी कवि-लेखन शब्द साधकों को हमारी भाषा ने गौरव व सम्मान प्रदान किया है हम अपनी रचना साधना से इसके गौरव में और श्रीवृद्धि करें। इकाई अध्यक्ष पं. रमेश तिवारी ने कहा हमारी हिंदी विराट बैभव के क्षितिज पर समृद्ध शालिनी रही है, है और रहेगी। जो कि विश्व भाषा के ललाट पर सतत दैदीप्यमान होकर विश्व में तीसरे स्थान पर बोली जाने वाली भाषा है। क्योंकि चॉदनी की चमक सम्बेदना को कसक, प्रेम की ललक और शोर्य की दमक रखने वाली हमारी हिंदी ही है, दूसरी भाषा नहीं। बस आवश्यकता इतनी है कि हम इससे निछुरकर मिले। इसके व्यवहार व प्रयोग में अंतरंग व बहिरंग पक्ष में एक रूपता रखना ही इसकी समृद्धि का मूल है। तदुपरान्त किशोर तिवारी केशू, संजय चौरसिया, अमर सिंह राजपूत, गोविन्द मिश्रा, ओजेन्द्र तिवारी, पी.एस. परिहार, बी.एम.दुवे, डॉ.गणेश राय, सदन नेमा, नरेन्दउ्र अरजरिया, आराधना राय, बबीता चौबे, कृष्ण कुमार पाण्डेय, राजीव अयाची, परसोत्तम रजक आदि कवियों ने हिंदी को समर्पित गीत गजल व कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर मायाशंकर मिश्रा, रिषी उपाध्याय, राजेश शर्मा, कृष्ण कुमार चौबे, बालक नेमा आदि रसिकजनों की गरिमामयी उपस्थिति रहीं। इकाई सचिव मानव बजाज ने काव्य पाठ उपरांत सबसे प्रति हद्य से कृतज्ञता ज्ञापित की।