हाई प्रोफाइल मामला : डॉ.अजय लाल मामले में सुनवाई टली, आरोपी के गायब होने पर सस्पेंस बरकरार..
दमोह : बच्चों के एडॉप्शन मामले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का पालन ना करने पर डॉ अजय लाल पर अपराध संख्या 571/2024 के तहत दर्ज मामले में सुनवाई करने हाईकोर्ट ने एक बार फिर तारीख बढ़ा दी है, इस हाई प्रोफाइल मामले में अब 13 अगस्त को सुनवाई होगी। इससे पहले 6 अगस्त की रात दर्ज मामले में डॉ अजय लाल पर गिरफ्तारी पर 9 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी थी।
ज्ञात हो कि आधारशिला के संचालक डॉ अजय लाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने के साथ ही उनके वकीलों द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका 23048/2024 दायर कर गिरफ्तारी पर रोक की प्रार्थना की गई थी।
बता दें कि 6 अगस्त की आधी रात को मामला दर्ज होने के पहले करीब 12 घंटे से आरोपी डॉ अजय लाल दमोह पुलिस की निगरानी में था, पुलिस ने उसे हाउस अरेस्ट किया हुआ था, आरोपी के घर के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, इसी बीच रहस्यमय तरीके से डॉ. अजय लाल गायब हो गए। बताया जा रहा है कि आरोपी से आखरी बार फोन पर बातचीत करीब 11 बजे कोतवाली निरीक्षक आनंद सिंह से उप निरीक्षक रमा मिश्रा ने कराई थी, उसके बाद ही आरोपी गायब है।
इस बीच कोतवाली निरीक्षक आधी रात को करीब 12:30 पर हाउस अरेस्ट आरोपी के घर गए थे, मीडिया वालो को घर पर बैठकर जानकारी देने वाले कोतवाली निरीक्षक आनंद सिंह ने मीडिया को आरोपी के घर में जाने से रोक लगा दी, जबकि मसीही समाज के दर्जनों लोग अपने अपने वाहनों से आधी रात में घर के अंदर बाहर होते रहे।
कुछ देर बाद कोतवाली निरीक्षक आरोपी के घर से निकल गए, लेकिन आरोपी के घर के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित हुई मिडिया को आरोपी के भागने की जानकारी नहीं दी गई, जब 2–3 घंटे बाद आरोपी के परिजन भी घर से बगैर किसी रोक टोक के अपने अपने वाहनों से जबलपुर जाने निकल गए। टोल नाका पर मामले की कमान संभाल रहे सीएसपी अभिषेक तिवारी ने पुलिस बल के साथ उन्हें रोका और आरोपी के संबंध में पूंछतांछ करने लगे, जहां जमकर ड्रामा हुआ। वहां आरोपी के परिजन ही पुलिस पर आरोपी को गायब करने के आरोप लगाने लगे।
अब पुलिस अपनी एक अलग ही थ्योरी गढने में लगी है, पुलिस का मानना है कि आरोपी के घर में एक स्टूडियों था, जहां से आरोपी भेष बदलकर भागने में सफल हुआ।
दमोह पुलिस की इस बड़ी चूक के बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई न होने से अब दमोह के लोग पुलिस के आला अधिकारियों को भी संदेह के घेरे में देख रहे हैं, जन चर्चा हैं कि धन्नासेठ आरोपी बड़ी सी आसानी से पुलिस की नाक के नीचे से गायब हो जाते है फिर चाहे डॉ अजय लाल हो या रॉकी सुरेखा.!