दमोह। जिलेभर में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब किसी थाना क्षेत्र से किसी अपराध की खबर सामने नहीं आती हो। सिटी कोतवाली क्षेत्र से चाकूबाजी की घटनाएं सामने लगातार आ रही है। जिसमे मौत भी हो रही है।
शुक्रवार रात हिंडोरिया थाना क्षेत्र में एक युवक द्वारा अपनी पत्नी तथा बेटी की हत्या के बाद खुद फांसी लगा लेने की घटना की सुर्खियां अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि कोतवाली अंतर्गत एक युवक की चाकू भोंक कर नृसंश हत्या कर दिए जाने की खबर ने सनसनी फैला दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात रेलवे लाइन के उस पार लोकू मागंज वार्ड इलाके में एक युवक के सीने पर धारदार हथियार से हमला करके आरोपी फरार हो गए। बाद में गंभीर हालत में घायल युवक के साथियों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी ड्यूटी डॉक्टर द्वारा जांच किए जाने के बाद युवक को मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक युवक की पहचान साहिल सेन के तौर पर हुई है। जो कि फुटेरा वार्ड महाकाली चौक क्षेत्र का निवासी बताया जा रहा है। जबकि चाकू मारने वाले आरोपी का नाम अनुज गुरु बताया गया है। पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिए जाने की खबर भी सामने आ रही है हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं की गई है। घटना की वजह का फिलहाल खुलासा नहीं हो सका। लेकिन
इस वारदात से पूरे इलाके में सनसनी व्याप्त है।
यहां पर है भी सवाल उठ रहा है कि फुटेरा वार्ड निवासी युवक पथरिया फाटक के उस पार अपने दोस्तों के साथ किस लिए गया था। तथा उसका आरोपी व उसके साथियों से किस बात को लेकर विवाद हुआ था। कही विवाद की वजह गैंगवार तो नही ? या आईपीएल क्रिकेट के सट्टे के लेनदेन को लेकर हुआ विवाद तो नहीं? फिलहाल पुलिस जांच के बाद ही इसका खुलासा हो सकेगा।
उल्लेखनीय की आईपीएल क्रिकेट के फाइनल मुकाबले को छोड़कर सभी मैच हो चुके है। जिले भर से जगह-जगह क्रिकेट के सट्टे की खबरें आती रही है लेकिन कोतवाली से लेकर किसी भी थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा आईपीएल खिलाने वाले सटोरियों पर एक भी बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई यह चर्चा का विषय रहा है। जबकि कोतवाली के कुछ चर्चित पुलिस कर्मियों के क्रिकेट खिलाने वालों से अच्छी ट्यूनिंग होने की जानकारी किसी से छिपी नहीं है।
आज भी इस घटना के बाद एडिशनल एसपी सहित पुलिस के अधिकारी पहले जिला अस्पताल और फिर घटनास्थल पर पहुंचे। बता दे कि दमोह नगर में चाकू बाजी की घटना रोज की बात हो गई है। कहा जा सकता है कि पुलिस का भय समाप्त हो जाने से कभी भी कहीं भी चाकू चल जाते हैं। और इसका पता तब लगता है जब घायल इलाज करने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं।