निजी विद्यालय फीस विनियिमन प्रकोष्ठ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये-कलेक्टर श्री कोचर
विद्यालय में पढ़ाई जा रही पुस्तकों के नाम और प्रकाशकों /मुद्रकों की सूची कक्षावार निर्धारित प्रारूप में तैयार कर 03 दिवस के भीतर
निजी विद्यालय फीस विनियिमन प्रकोष्ठ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये-कलेक्टर श्री कोचर
यदि भाग 01 एवं भाग 02 से संबंधित कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाते हैं तो संस्था/विद्यालय के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी
दमोह : मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं नियम 2020 अधिसूचित किया जाकर लागू है। उक्त अधिनियम एवं नियमों के क्रियान्वयन हेतु विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिनके पालनार्थ निजी विद्यालयों द्वारा वेबसाईट लिंक http://dpimp.in पर अपने यूजर आई.डी. अर्थात विद्यालय के यूडाईस कोड एवं डिफाल्ट फासवर्ड Fees@1234 से लॉगइन करके जानकारियों की प्रवृष्टि किये जाने निर्देश दिये गये है, परन्तु अभी तक किसी भी विद्यालय द्वारा जानकारी की प्रविष्टी नहीं की गई है।
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने इस पत्र के माध्यम से जिले के समस्त प्रधानाध्यापक, प्राचार्य, संचालक, प्रबंधक निजी (अशासकीय), प्राथमिक,माध्यमिक,उच्चतर माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को निर्देशित किया है कि भाग 01 में बिन्दु क्रमांक 01 से 06 तक चाही गयी जानकारी 16 अप्रैल 2024 तक अनिवार्य रूप से वेबसाईट लिंक http://dpimp.in पर प्रविष्ट/अपलोड करना सुनिश्चित की जाये।
उन्होंने कहा विद्यालय में पढ़ाई जा रही पुस्तकों के नाम और प्रकाशकों /मुद्रकों की सूची कक्षावार निर्धारित प्रारूप में तैयार कर सूची 03 दिवस के भीतर निजी विद्यालय फीस विनियिमन प्रकोष्ठ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये।
यदि भाग 01 एवं भाग 02 से संबंधित कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाते हैं तो मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं नियम 2020 के नियमों में वर्णित नियम 09 की कण्डिका (9), (10) एवं (11) के अनुसार संस्था/विद्यालय के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला समिति सचिव एस.के.नेमा ने कहा है विद्यालय की सामान्य जानकारी अद्यतन/अपडेट करने के उपरांत सत्यापित कर विद्यालय की अद्यतन जानकारी नियत प्रारूप में प्री-फिल्ड रूप से पोर्टल पर उपलब्ध करायी जाएगी जिसे संबंधित निजी विद्यालय द्वारा अद्यतन कर लॉक किया जायेगा। समस्त निजी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिये नियत की गई फीस संरचना (कक्षावार एवं संवर्गवार विभिन्न मदों में ) की जानकारी एवं सत्र 2024-2025 हेतु प्रस्तावित वार्षिक फीस संरचना की जानकारी परिशिष्ट-1, एवं प्रमाणी परिशिष्ट-03, (प्रारूप-03) में भरकर पोर्टल पर प्रविष्ट/अपलोड की जाये।
उन्होंने कहा समस्त निजी विद्यालयों द्वारा विगत तीन वर्षो (2020-2021, 2021-2022 एवं 2022-2023) संपरीक्षित (ऑडिटेड) लेखों में बेलेंन्स सीट, प्राप्ति एवं भुगतान पत्रक तथा आय-व्यय, शेड्यूल सहित अंकेक्षण प्रतिवेदन सम्मिलित होगें। निर्धारित प्रविष्टियॉ करने के उपरांत संबंधित विद्यालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया फीस विभागीय आदेश में दी गयी दर्ज संख्या अनुसार ऑनलाइन जमा की जाये। संबंधित विषयों का विनियमन-नियम 2020 के नियम 6 के पालन में समस्त निजी विद्यालयों द्वारा प्रारूप छह अनुसार 100/- गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर पर आवश्यक वचन पत्र अपलोड किया जाये तथा प्रविष्टि फीस एवं अपलोड किए गए संपरीक्षित लेखों हेतु परिशिष्ट-02 अनुसार वचन पत्र प्रस्तुत/अपलोड किये जायें।
उन्होंने कहा मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 की कण्डिका 6(1) (क) से (छ) तक चाही गयी जानकारी विद्यालय प्रबंधन 03 दिवस में निजी विद्यालय फीस विनियमन प्रकोष्ठ जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। विद्यालय प्रबंधन सत्र 2024-25 में विद्यालय प्रवेश प्रारम्भ तिथि एवं प्रक्रिया, विद्यालय में उपयोग में लायी जाने वाली पाठ्य पुस्तकें, स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, यूनीफॉर्म, स्पोट्स किट ट्रांसपोर्ट सुविधा, फीस प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संग्रहित की जाने वाली धनराशि का मदवार विवरण विद्यालय के नोटिस बोर्ड तथा आधिकारिक वेबसाइट पर 03 दिवस के भीतर प्रदर्शित करना सुनिश्चित किया जाये।
उन्होंने कहा विद्यालय प्रबंधन सत्र 2024-25 हेतु विवरण पुस्तिका एवं प्राप्ति के संबंध में आवश्यक जानकारी सूचना पटल एवं आधिकारिक वेबसाइट पर 03 दिवस के भीतर प्रदर्शित करना सुनिश्चित किया जाये। छात्र या अभिभावक पुस्तकें, यूनीफॉर्म एवं अन्य खुले बाजार से किन विक्रेताओं से क्रय कर सकते है, उन सभी विक्रेताओं के नाम उनके पते सहित उपलब्ध करायें। सम्पूर्ण पुस्तकों का सेट न चाहने पर फुटकर पुस्तक विक्रेता द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है, इसका भी प्रमाण पत्र दिया जायें।
उन्होंने कहा इस आशय का प्रमाण पत्र दिया जाये कि यूनीफॉर्म को छोड़कर किसी भी सामग्री पर विद्यालय का नाम उल्लिखित नहीं किया गया है। विद्यालय प्रबंधन इस आशय का प्रमाण पत्र भी दें कि निर्धारित यूनीफॉर्म में तीन वर्षो के पश्चात् ही किसी भी प्रकार का परिवर्तन किया जाता है।